भोपाल शहर को सुधारने ढेरों को प्रोजेक्ट चल रहे हैं

 करोड़ों रुपए इन पर खर्च किए गए लेकिन इनका फायदा  लोगों को नहीं मिल रहा है इन प्रोजेक्ट में आम लोगों के साथ मवेशियों तक को सुविधा देने की योजना बनी लेकिन फेल है हालात यह है कि शिकायतों का निपटारा भी नहीं हो पा रहा है जिन संसाधनों की खरीद हुई वह कचरे के ढेर में पड़े हैं मार्किंग और शहर की क्रीम बनाने स्मार्ट सिटी और निगम ने वाहन लिए थे साथ ही कई इंतजाम बिठाए गए फिर भी रोज शिकायतों की संख्या बढ़ रही है प्रयोग के तौर पर इनकी खरीदी की गई अब जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है हालत में यह है ट्रांसफार्मर के आसपास फुले बिजली के तार हैं वही साफ सफाई करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ा खतरा है बना बन सकता है हाईटेक इंतजाम करने के नाम पर यह फिजूलखर्ची बताई गई है इस बीच के गायक बजट ना होने का बात कहा जा रही है हुजूर फर्जी के 20 सालों से देर बाहर करने की योजना ठंडे बस्ते